बटुक वामन के रूप में भगवान विष्णु का पांचवां अवतार बक्सर में हुआ था ऐसा माना जाता है दैत्यराज बलि के आतंक को खत्म करने के लिए भगवान् विष्णु ने बक्सर के चरित्रवन स्थित आश्रम में ब्राह्मण दंपति महर्षि कश्यप और उनकी पत्नी अदिति के कोख से जन्म लिया इसके बाद इस जगह का नाम कालांतर में वामनाश्रम पड़ गया भगवान वामन ने कालांतर में असुरराज बलि को साम्राज्य विहीन कर समेत धरा पर देव संस्कृति की स्थापना की
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